Wednesday 14 October 2015

अजवायन के लाभ-अजवायन के गुण-अजवायन का औषिध के रूप में उपयोग (The benefits of parsley)

अजवायन एक ऐसी चीज या औषधि है,जो अकेली ही एक ऐसी जो कि सौ प्रकार के खाद्य पदार्थों को पचाने वाली होती है।

अनेक प्रकार के गुणों से भरपूर अजवायन पाचक रूचि कारक,तीक्ष्ण, कढवी, अग्नि प्रदीप्त करने वाली, पित्तकारक तथा शूल, वात, कफ, उदर आनाह, प्लीहा, तथा क्रमि इनका नाश करने वाली होती है।

अति गर्म प्रकृति वालों के लिए यह हानिकारक होती है। इसकी खेती सारे देश में होती है।

अजवायन का उपयोग औषिध के रूप में, मुख्यत: उदर एवं पाचन से समबन्धित विकारों तथा वात व्याधियों को दूर करने में बहुत गुणकारी होती है।

अजवायन में लाल मिर्च की तेजी, राई की कटुता तथा हींग और लहसुन की वातनाशक गुण एक साथ मिलते हें। इस लिए यह गुणों का भंङार है । इसी लिए यह उदर शूल, गैस, वायुशोला, पेट फूलना, वात प्रकोप आदि को दूर करता है। इसी कारण इसे घर पर छुपा हुआ वेद्य कहा गया हे।

अजवायन की पत्ती का दिलकश स्वाद होता है । इसी कारण इसका ( पत्ती) इतालवी व्यंजनों में,जेसे पिज्जा पास्ता आदि। अजवायन की पत्ती में एंटी बैक्टीरियल गुण है जो कि संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। अजवायन की ताजा पत्ती में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व और विटामिन है. विटामिन सी, विटामिन ए, लोहा, मैंगनीज और कैल्शियम और साथ ही युक्त ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है। अजवायन से कैलशियम, फासफोरस, लोहा सोडियम व पोटेशियम जैसे तत्व मिलते हैं।

अजवायन के लाभ-अजवायन के गुण-अजवायन का औषिध के रूप में उपयोग (The benefits of parsley)

  • यह एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सिडेंट है, अजवायन मोटापे को कम करने में भी मदद करती है। सर्दियों के मौसम में सर्द से बचने के लिए अजवायन एक सफल औषधि है। जंगली अजवायन की पत्ती का तेल श्रेष्ट माना गया है प्रतिरक्षा प्रणाली को दृढ़ करता है,श्वसन किर्या को दरुस्त करता है जोड़ों और मांसपेशियों का लचीलापन बढाता है और त्वचा को संक्रमण से बचाता है-
  • बरसात के मौसम में पाचन क्रिया के शिथिल पड़ने पर अजवायन का सेवन काफी लाभदायक होता है। इससे अपच को दूर किया जा सकता है।
  • अजवायन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढ़ना बंद हो जाएगा।
  • खीरे के रस में अजवायन पीसकर चेहरे की झाइयों पर लगाने से लाभ होता है।
  • अधिक शराब पी लेने से अगर व्‍यक्ति को उल्‍टियां आ रहीं हो तो उसे अजवाईन खिलाना बेहतर होगा। इससे उसको आराम मिलेगा और भूंख भी अच्‍छी तरह से लगेगी।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अजवाइन जरुर खानी चाहिए क्‍योंकि इससे ना सिर्फ खून साफ रहता है बल्कि यह पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को संचालित भी करता है।
  • कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है-
  • शरीर में दाने हो जाएं या फिर दाद-खा़ज हो जाए तो, अजवाइन को पानी में गाढ़ा पीसकर दिन में दो बार लेप करने से फायदा होता है। घाव और जले हुए स्थानों पर भी इस लेप को लगाने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं।
  • गठिया के रोगी को अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर सेंकने से रोगी को दर्द में आराम पहुंचता है। अजवाइन का रस आधा कप में पानी मिलाकर आधा चम्मच पिसी सोंठ लेकर ऊपर से इसे पीलें। इससे गठिया का रोग ठीक हो जाता है।
  • अजवाइन के रस में एक चुटकी कालानमक मिलाकर सेवन करें। और ऊपर से गर्म पानी पी लें। इससे खांसी बंद हो जाती है।
  • गुड़ और पिसी हुई कच्ची अजवाइन समान मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच रोजाना 4 बार खायें। इससे गुर्दे का दर्द भी ठीक हो जाता है।
  • जिन बच्चे को रात में पेशाब करने की आदत होती है उन्हें रात में लगभग आधा ग्राम अजवाइन खिलायें।
  • 2 चम्मच अजवाइन को 4 चम्मच दही में पीसकर रात में सोते समय पूरे चेहरे पर मलकर लगाएं और सुबह गर्म पानी से साफ कर लें।
  • अजवाइन को भून व पीसकर मंजन बना लें। इससे मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं।
  • अजवाइन, सेंधानमक, सेंचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखे आंवले का चूर्ण आदि को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।
  • जुकाम के साथ हल्का बुखार ....देशी अजवाइन 5 ग्राम, सतगिलोए 1 ग्राम को रात में 150 मिलीलीटर पानी में भिगोकर, सुबह मसल-छान लें। फिर इसमें नमक मिलाकर दिन में 3 बार पिलाने से लाभ मिलता है।
  • अजवाइन का रस आधा कप इसमें इतना ही पानी मिलाकर दोनों समय (सुबह और शाम) भोजन के बाद लेने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है।
  • मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से दर्द मिट जाता है। मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो यह प्रयोग न करें। सुबह खाली पेट 2-4 गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है।
  • एसिडिटी की तकलीफ है तो थोड़ा-थोड़ा अजवाइन और जीरा को एक साथ भून लें। फिर इसे पानी में उबाल कर छान लें। इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं, एसिडिटी से राहत मिलेगी।
  • इसे अदरक(सोंठ) पाउडर और काला नमक 2-2 और 1 के अनुपात में मिलाएं भोजन करने के बाद एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें तो पेट दर्द व गैस की समस्या में आराम मिलेगा। अशुद्ध वायु का बनना व सर में चढ़ना ख़त्म होगा।
  • अजवायन पाउडर का एक चम्मच (टी स्पून) ले उसमे एक चुटकी काला नमक मिला कर दिन में दो या तीन बार गुनगुने पानी के साथ सेवन से पेट में दर्द, दस्त , अपच, अजीर्ण, अफारा तथा मन्दाग्नि में लाभकारी होती है।
  • अजवायन, सौंफ, सोंठ और काला नमक को बराबर मात्रा में मिलाकर देसी घी के साथ दिन में तीन बार खाएं। भूख लगने लगेगी ।
  • शाम को अजवायन को एक गिलास पानी में भिगोएं सुबह छानकर उस पानी में शहद डालकर पीने से मोटापे को कम करने में मदद होती है।
  • अजवायन के तेल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम होती है।
  • खांसी जुकाम में चुटकी भर काला नमक, आधा चम्मच अजवायन,और दो लांग इन सब को पिस कर गुनगुने पानी के साथ दिन में कई बार पीने से अदभुत लाभ मिलता है ।यह रामबाण दवा है।
  • आधा कप पानी में आधा चम्मच अजवायन और थोड़ी सी हल्दी पाउडर डालकर उबाले और ठंडा करें और इसमें एक चम्मच शहद डालकर पीएं। और गर्म पानी में अजवायन डालकर इसका भाप लें। इस से छाती में जमा कफ निकल जाता है ।
  • शीत-पित्ती की बीमारी के लिए अजवायन के फूल को गुड के साथ मिला कर पानी से लेने से पित्ती ठीक होती है। अजवायन का चूर्ण गेरु में मिलाकर शरीर पर मलने से पित्ती में तुरन्त लाभ होता है।
  • बेर के पत्तों और अजवायन को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से गरारे करने पर खांसी में लाभ होता है।
  • अजवायन को पानी में डालकर उबालें। छानकर बार बार थोड़ा-थोड़ा लेते रहने से आधे सिर दर्द में लाभ होता है। रात को कई बार पेशाब आने पर भी इसके सेवन से फायदा होता है।
  • जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल में अजवायन डालकर अच्छे से गर्म करें व छान ले और इससे जोड़ों की मालिश करे इससे आराम होगा।
  • अजवायन प्रबल कीटनाशक है। आँतों में कीड़े होने पर अजवायन के साथ काले नमक का सेवन करने पर पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं।अजवायन का चूर्ण और गुड समान मात्रा में मिलकर गोली बनाकर दिन में दो तीन बार खिलाने से पेट के सभी प्रकार के कीडे नष्ट हो जाते है।
  • एक से दो ग्राम ग्राम अजवायन का चूर्ण छाछ के साथ देने से पेट के कीडे नष्ट होकर मल के साथ बाहर निकल जाते है।
  • सुबह दस-पन्द्रह ग्राम गुड खाकर दस-पन्द्रह मिनट बाद एक से दो ग्राम अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ ले। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे मर कर मल के साथ बहार निकल जायेंगे।
  • अजवायन को रात में चबाकर गरम पानी पीने से सवेरे पेट साफ हो जाता है।
  • अजवायन के फूल को शहद में मिलाकर लेने से खॉसी और कफ में फायदेमंद होता है इससे कफ की दुर्गन्ध भी खत्म होती है।
  • चोट लगने पर अजवायन एवं हल्दी की पुल्टिस बाँधने से चोट की सूजन व दर्द कम होती है।
  • अजवायन का अर्क या तेल 10-15 बूँद बराबर लेते रहने से दस्त बंद होते हैं।
  • अजवायन का चूर्ण दो-दो ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार लेने से ठंड का बुखार शान्त होता है।
  • ब्लडप्रेशर, बाय का दर्द, रक्तचाप और चर्म रोगों, में ऊँगलियों के काम न करने पर अजवायन के फूल,एवं गिलोय का अर्क 1-1 ग्राम साथ मिलाकर लेना लाभ दायक होता है।
  • अजवायन के फूल (सफ़ेद दाने के रूप में बाज़ार में उपलब्ध) का चूर्ण पानी में मिलाकर उस घोल से घाव, दाद, खुजली, फुंसियाँ आदि धोने पर ये चर्मरोग नष्ट होते हैं।
  • अजवायन का प्रसव के बाद अग्नि की प्रदिप्त करने और भोजन को पचाने, वायु एवं गर्भाशय को शुद्ध करने के लिए सभी परम्परागत भारतीय परिवारों में लड्डू बना कर खिलाया जाने की परंपरा हे।यह चमत्कारी लाभ देता हे। । प्रसूति स्त्रियों को अजवायन व गुड मिलाकर देने से भूख बढ़ती है। प्रसव के बाद अजवायन के प्रयोग से गर्भाशय शुद्ध होता है। गर्भाशय पूर्वास्थिती में आ जाता है। दूध ज्यादा बनता है। बुखार व कमर का दर्द ठीक करता है। इससे खराब मासिक चक्र ठीक भी हो जाता हें।
  • अजवायन 10 ग्राम, छोटी हरड़ का चूर्ण 6 ग्राम, सेंधा नमक 3 ग्राम, हींग 3 ग्राम का चूर्ण बनाकर रखें और 3-3 ग्राम की मात्रा में जल के साथ लें तो पेट दर्द, जलन, अफारा , और मलमूत्र की रूकावट दूर होती है।
  • अजवायन चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से या अर्क को गुनगुना करके पीने से या इसके तेल की मालिश करने से बदन दर्द ठीक होता है।
  • अजवायन की पत्ती माहवारी के विकारों के उपचार, फेफड़ों की समस्याओं और अजीर्ण में और प्रयोग किया जाता है यह शक्तिशाली एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सिडेंट भी होता है। अजवायन की पत्ती में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक तत्व हंड यह संक्रमण को दूर रखने के महत्वपूर्ण होता है।
  • किडनी या गुर्दे संबंधी परेशानी में एक बड़ा चम्मच जीरा और दो चम्मच अजावयन को पीस कर पाउडर बना लें। इसमें थोड़ा सा काला नमक और एक चम्मच भूरे रंग का सिरका डाले। हर घंटे बाद एक एक चम्मच इस मिश्रण का लें। दर्द से जल्द ही आराम मिल जाएगा।
  • दोपहर को भोजन के बाद पिसी 2 - 3 ग्राम अजवायन लेने से खाना आसानी से हजम होता है।
  • पान में अजवायन को डाल कर खाने से पुरानी खांसी ठीक होती है।
  • अजवायन को सरसों के तेल में डाल कर पकायें उससे बच्चों को मालिश करें सर्दीजुकाम में तथा प्रसव उपरांत लाभ होगा।
  • मसूड़ों में सूजन होने पर अजवायन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन कम होती है।
  • आधे सिर में दर्द होने पर एक चम्मच अजवायन आधा लीटर पानी में डालकर उबालें। पानी को छानकर रखें एवं दिन में दो-तीन बार थोड़ा-थोड़ा लेते रहने से काफी लाभ होगा।
  • सरसों के तेल में अजवायन डालकर अच्छी तरह गरम करें। इससे जोड़ों की मालिश करने पर जोड़ों के दर्द में आराम होता है।
  • चोट लगने पर नीले-लाल दाग पड़ने पर अजवायन एवं हल्दी की पुल्टिस चोट पर बाँधने पर दर्द व सूजन कम होती है।
  • मुख से दुर्गंध आने पर थोड़ी सी अजवायन को पानी में उबालकर रख लें, फिर इस पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करने पर दो-तीन दिन में दुर्गंध खत्म हो जाती है।

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