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Tuesday, 25 July 2017

जानिये भुट्टा खाने के ये 10 फायदे | 10 Best Benefits Of Corn (Bhutta) For Skin, Hair And Health

खाने के इन 10 फ़ायदों को जान गये तो आज से खाने लगोगे, ये कैन्सर, ह्रदय, आँखो की रोशनी, ख़ून की कमी, क़ब्ज़, बालों की समस्या और वज़न बढ़ाने में कारगर हैमक्का या भुट्टा एक साबुत अनाज के रूप में उपयोग होने वाला भारत मेें प्रसिद्ध खाद्यपदार्थ है। मक्का से हमारे शरीर को फाइबर, विटामिन्स, कैरोटिनॉयड्स, फेरूलिक एसिड्स मिलता है जिससे शरीर को आंखो की समस्या, दिल के रोग, कैंसर जैसी बड़ी परेशानियों से दूर रखा जा सकता है।

    • मक्का जिसे हम बोलचाल की भाषा में भुट्टा, मकई और चल्ली भी कहते हैं, एक बहुत ही पौष्टिक खाद्यान है। इसे तेलुगु में ‘मोक्का जोनालु’, तमिल में ‘मक्काचोलम’, मलयालम में ‘चोलम’, कन्नड़ में ‘मुसुकिना जोला, गुजराती में ‘मक्कई’, मराठी में ‘मकई’ और बंगाली में ‘भुट्टा’ कहते हैं। मक्के का पौधा बड़ा और पत्तेदार होता है और मूल रूप से ये मेक्सिको और अमेरिका में उगने वाला पौधा है।
    • आजकल बाजारों में उबले हुए और ज्यादा रस वाले मक्का भी खाने को मिल रहे हैं। इसे हम स्वीट कार्न्स (Sweet Corns) कहते हैं। यह स्वीट कार्न्स फ्रोजन करके पैकेट्स में मदर-डेयरी बूथ्स पर भी उपलब्ध हैं। इसके भी उतने ही फायदे हैं जितने ताजे मक्का के। इन्हे भी हम अपने रोज के भोजन में उपयोग में ला सकते हैं।
    ये तो रही मक्के के बारे में थोड़ी सी जानकारी। पर जरुरी बात ये है की इसके क्या फायदे हैं। तो आईये हम एक नजर डालते है मक्के के गुणकारी विशेषताओं के बारे में।

      मक्का या भुट्टा खाने के 10 फायदे :

      1. वजन बढाने में सहायक – पतले लोगो के लिए, जो वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए मक्का बेहद फायदेमंद है। मक्के में कैलोरी और कार्बोहायड्रेट होता है जो शरीर पर मांस लाता है और वजन बढ़ा देता है
      2. पाचन के लिए लाभदायक – मक्के में पाए जाने वाले फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं। इसके सेवन से पेट के कई विकार जैसे बदहजमी, कब्ज, गैस इत्यादि दूर रहते हैं
      3. दिल का भी रखता है ख्याल – शोध में ये पाया गया है की मक्के के तेल के सेवन से धमिनियों में जमा कोलेस्ट्रोल नष्ट होता है साथ ही मक्के के तेल में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड से ह्रदयघात का खतरा (heart problems) न के बराबर हो जाता है।
      4.  तेज करता है आँखों की रोशनी – मक्के के दाने में कैरोटिनोयाड्स (Carotenoids) नामक तत्व पाए जाते हैं। मक्के के दाने में मौजूद ये कैरोटिनोयाड्स रेटिना पे लाभकारी प्रभाव डालते हैं जिसके फलस्वरूप आँखों की रौशनी ठीक रहती है। मक्के में विटामिन ए भी पाया जाता है जो किसी भी तरह के दृष्टि दोष होने से रोकता है।
      5. एंटी कैंसर विशेषताएं – शोध में पता चला है की मक्के में पाए जाने वाले एंटीओक्सिडेंट्स कैंसर से लड़ने की क्षमता रखते हैं। मक्के में मौजूद फेरुलिक एसिड (Ferulic Acid) स्तन और लीवर के ट्यूमर्स को नष्ट करता है और स्तन कैंसर और लीवर के कैंसर के होने की संभावनाओं को काफी हद तक कम कर देता है।
      6. गर्भावस्था के दौरान भी लाभदायक – चूँकि मक्के के दाने में फोलिक एसिड पाया जाता है इसलिए ये गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। गर्भवती महिलाओं में अगर फोलिक एसिड की कमी हो तो जन्म लेने वाला बच्चा कमजोर और कुपोषित हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को तो मक्के को अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिए।
      7. अल्झाइमर रोग की भी करता है रोकथाम – मक्का थायमिन (Thymine) का भी एक प्रमुख स्त्रोत है। थायमिन की कमी से दिमाग में होने वाली कई क्रियाएं बाधित होती हैं जिसके फलस्वरूप कई तरह की दिमाग सम्बंधित बिमारी होने के ख़तरा होता है। अल्झाइमर का रोग भी इनमे से एक है।
      8. बालों के लिए भी उपयोगी – एक कप मक्के के रोजाना सेवन से हेयर फोलिक्ल मजबूत बनते हैं और बाल गिरने, और बालों के रूखे होने जैसी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। मक्के मे मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व विटामिन ए और लाइकोपिन (Lycopine) बालों को सुलझा और मजबूत बनाते हैं। मक्के के रोजाना सेवन बालों की समस्याएं न के बराबर हो जाती हैं।
      9. तुरंत उर्जा देने वाल स्त्रोत – मक्के में भरपूर मात्रा में स्टार्च और कार्बोहायड्रेट मौजूद होते है जो तुरंत ऊर्जा देने के साथ साथ लम्बे समय तक आपको उर्जावान बनाने में सहायक होते हैं। एक कप मक्के में 29 ग्राम कार्बोहायड्रेट होता है।जिम इंस्ट्रक्टर और डायटीशियन, वर्कआउट करने से पहले मक्का खाने की सलाह देते हैं, क्यूंकि मक्के के सेवन से बहुत जल्दी ही देर तक काम करने की उर्जा मिलती है।
      10. एनीमिया होने से बचाता है – एनीमिया विटामिन B12 और फोलिक एसिड की कमी से होता है। मक्के में ये दोनों तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मक्के में आयरन भी प्रचुर मात्र में होता है जो नए रेड ब्लड सेल का निर्माण करता है।