Thursday, 24 September 2015

आस्थमा क्या होता है? आस्थमा किन चीजों से होता है? आस्थमा के क्या लक्षण होते हैं? आस्थमा अटैक से कैसे बचें ?



आस्थमा क्या होता है?

आस्थमा, दमा या हफनी को कहते हैं। इस बीमारी में सांस लेने में तकलीफ होता है। यह सांस के नली का एक स्थायी बीमारी है, जो कि आजीवन रहता है।

आस्थमा के क्या लक्षण होते हैं?

*.दमा या हफनी होना, खास करके सांस छोडते वख्त
*.खांसी होना
*.सांस लेने में तकलीफ़
*.छाती में कफ जमा हुआ लगना
*.छाती जकडा हुआ लगना
*.फेफड़ा में संक्रमित बीमारी होना, जिसे न्युमोनिया (pneumonia) कहते ह
अस्थमा के कारण
अस्थमा कई कारणों से हो सकता है। अनेक लोगों में यह एलर्जी मौसम, खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ इत्र, परफ्यूम जैसी खुशबू और कुछ अन्य प्रकार के पदार्थों से हो सकता हैं; कुछ लोग रुई के बारीक रेशे, आटे की धूल, कागज की धूल, कुछ फूलों के पराग, पशुओं के बाल, फफूँद और कॉकरोज जैसे कीड़े के प्रति एलर्जित होते हैं। जिन खाद्य पदार्थों से आमतौर पर एलर्जी होती है उनमें गेहूँ, आटा दूध, चॉकलेट, बींस की फलियाँ, आलू, सूअर और गाय का मांस इत्यादि शामिल हैं।
कुछ अन्य लोगों के शरीर का रसायन असामान्य होता है, जिसमें उनके शरीर के एंजाइम या फेफड़ों के भीतर मांसपेशियों की दोषपूर्ण प्रक्रिया शामिल होती है। अनेक बार अस्थमा एलर्जिक और गैर-एलर्जीवाली स्थितियों के मेल से भड़कता है, जिसमें भावनात्मक दबाव, वायु प्रदूषण, विभिन्न संक्रमण और आनुवंशिक कारण शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार, जब माता-पिता दोनों को अस्थमा या हे फीवर (Hay Fever) होता है तो ऐसे 75 से 100 प्रतिशत माता-पिता के बच्चों में भी एलर्जी की संभावनाएँ पाई जाती हैं।

आस्थमा किन चीजों से होता है?


*.जानवरों से (जानवरों की त्वचा, बाल, पंख या रोयें से)
*.पेड़ और घास के पराग कण*.धूलकण
*.सिगरेट का धुआं*.वायु प्रदूषण
*.ठंडी हवा या मौसमी बदलाव*.पेंट या रसोई की तीखी गंध
*.सुगंधित उत्पाद*.मजबूत भावनात्मक मनोभाव (जैसे रोना या लगातार हंसना) और तनाव
*.एस्पिरीन और अन्य दवाए
ं*.विशेष रसायन या धूल जैसे अवयव*.पारिवारिक इतिहास
*.तंबाकू के धुएं से भरे माहौल में रहनेवाले शिशुओं को अस्थमा होने का खतरा होता है। यदि गर्भावस्था के दौरान कोई महिला तंबाकू के धुएं के बीच रहती है, तो उसके बच्चे को अस्थमा होने का खतरा होता है।
*.मोटापे से भी अस्थमा हो सकता है। अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

आस्थमा अटैक से कैसे बचें ?


*.शहद एक सबसे आम घरेलू उपचार है, जो कि अस्थमा के इलाज के लिये प्रयोग होती है। अस्थमा अटैक आने पर शहद वाले पानी से भाप लेने से जल्द राहत मिलती है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक ग्लासपानी के साथ शहद मिला कर पीने से बीमारी से राहत मिलती है। शहद बलगम को ठीक करता है, जो अस्थमा की परेशानी पैदा करता है।

*.एक कप घिसी हुई मूली में एच चम्मच शहद और नींबू का रस मिला कर 20 मिनट तक पकाएं। इस मिश्रण को हर रोज एक चम्मच खाएं। यह इलाज बड़ा ही प्रसिद्ध और असरदार है।

*.करेला, जो कि अस्थमा का असरदार इलाज है, उसके एक चम्मच पेस्ट को लेकर शहद और तुलसी के पत्ते के रस के साथ मिला कर खाएं। इससे अंदर की एलर्जीसे बहुत राहत मिलती है।

*अंदर की एलर्जी को सही करने के लिये मेथी भी बहुत असरदार होती है। एक ग्लास पानी के साथ मेथी के कुछ दानों को तब तक उबालें, जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। अब उसी पानी में शहद और अदरक का रस मिला लें। इस रस को दिन में एक बार पीने से जरुर राहत मिलेगी।

*अस्थमा -क्या करें और क्या न करेंऐसा करें

*.धूल से बचें और धूल -कण अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए एक आम ट्रिगर है |

*.एयरटाइट गद्दे .बॉक्स स्प्रिंग और तकिए के कवर का इस्तेमाल करें ये वे चीजें है जहां पर अक्सर धूल-कण होते है जो अस्थमा को ट्रिगर करते ह

*.पालतू जानवरों को हर हफ्ते नहलाएं.इससे आपके घर में गंदगी पर कंट्रोल रहेगा |*.अस्थमा से प्रभावित बच्चों को उनकी उम्र वाले बच्चों के साथ सामान्य गतिविधियों में भाग लेने दें|

*.अस्थमा के बारे में अपनी और या अपने बच्चे की जानकारी बढाएं इससे इस बीमारी पर अच्छी तरह से कंट्रोल करने की समझ बढेगी |

*.बेड सीट और मनपसंद स्टफड खिलोंनों को हर हफ्ते धोंए वह भी अच्छी क्वालिटीवाल एलर्जक को घटाने वाले डिटर्जेंट के साथ |

*.सख्त सतह वाले कारपेंट अपनाए |

*.एलर्जी की जांच कराएं इसकी मदद से आप अपने अस्थमा ट्रिगर्स मूल कारण की पहचान कर सकते है |

*.किसी तरह की तकलीफ होने पर या आपकी दवाइयों के आप पर बेअसर होने पर अपने हमसे संर्पक करें |ऐसा न करें

*.यदि आपके घर में पालतू जानवर है तो उसे अपने विस्तर पर या बेडरूम में न आने दें |

*.पंखोंवाले तकिए का इस्तेमाल न करें |

*.घर में या अस्थमा से प्रभावित लोगों के आस -पास धूम्रपान न करें संभव हो तो धूम्रपान ही करना बंद करदें क्योंकि अस्थमा से प्रभावित कुछ लोगों को कपडोंपर धुएं की महक से ही अटैक आ सकता है |

*.मोल्ड की संभावना वाली जगहों जैसे गार्डन या पत्तियों के ढेरों में काम न करें और न ही खेलें |*.दोपहर के वक्त जब परागकणों की संख्या बढ जाती है बाहर न ही काम करें और न ही खेलें |

*.अस्थमा से प्रभावित व्यक्ति से किसी तरह का अलग व्यवहार न करें
|
*.अस्थमा का अटैक आने पर न घबराएं.इससे प्रॉब्लम और भीबढ जाएगी. ये बात उन माता-पिता को ध्यान देने वाली हैजिनके बच्चों को अस्थमा है अस्थमा अटैक के दौरान बच्चों को आपकी प्रतिक्रिया का असर पडता है यदि आप ही घबरा जाएंगे तो आपको देख उनकी भी घबराहट और भी बढ सकती है |

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