Tuesday 23 August 2016

अखरोट के अचूक फायदे ( The Unmistakable Advantages Nut)


अखरोट ऊर्जा का बेहतर स्रोत है। साथ ही इसमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व, मिनरल्स, एंटीआक्सीडैंट्स और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। अखरोट का तेल कई रूपों में काम में लिया जाता है। इसका  तेल खाना बनाने के अलावा दवाइयों और खुशबू के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

 अखरोट के अचूक फायदे

अखरोट में मोनोसैचुरेटिड फैट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे सिनोलिक एसिड, अल्फा फिनोलिक एसिड और एराकिडोनिक एसिड भी काफी मात्रा में मिलते हैं। अखरोट का नियमित सेवन खून में बुरे कोलेस्ट्रोल को कम कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है।हर दिन 25 ग्राम अखरोट के सेवन से 90 फीसदी ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी मिलते हैं।

दिल के लिए अच्‍छा

अखरोट का सेवन करने से दिल दुरूस्‍त रहता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्‍सीडेंट होते हैं जो दिल को दुरूस्‍त बनाएं रखते हैं।

अच्‍छी नींद दिलाएं

जानकर आपको आश्‍चर्य तो हो ही रहा होगा, लेकिन यह बात सच है कि अखरोट के सेवन से शरीर को रिलैक्‍स मिल जाता है और अच्‍छी नींद आती है।

स्‍पर्म के लिए

जो पुरूष पिता बनने की इच्‍छा रखते हैं उनके लिए अखरोट काफी लाभकारी होता है। इसके सेवन से स्‍पर्म काउंट बढ़ता है।
ब्रेन फूड

अखरोट का नियमित रूप से सेवन, दिमाग को तेज बनाता है इसीलिए इसे ब्रेन फूड के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ई होने ही वजह से यह दिमाग को शॉर्प और हेल्‍दी बनाएं रखता है।

गर्भावस्‍था के दौरान

गर्भवती महिलाओं के शरीर के लिए अखरोट का सेवन सबसे ज्‍यादा लाभप्रद होता है। इसके सेवन से भ्रूण में पलने वाले बच्‍चे को एलर्जी नहीं होती है और उसकी ग्रोथ के लिए आवश्‍यक तत्‍व भी मिल जाते हैं।


पेट के कैंसर में

अखरोट का सेवन, पेट के कैंसर की जटिलताओं में लाभकारी होता है। इसके सेवन से होने वाली पीड़ा में कमी आती है और कमजोरी भी नहीं आती है।

स्‍तनों के लिए

अगर आपको अपने स्‍तनों को सुडौल और स्‍वस्‍थ बनाएं रखना है तो अखरोट का दैनिक रूप से सेवन करें। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।

बच्चों के कृमि (पेट के कीड़े)

    कुछ दिनों तक शाम को 2 अखरोट खिलाकर ऊपर से दूध पिलाने से बच्चों के पेट के कीडे़ मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
    अखरोट की छाल का काढ़ा 60 से 80 मिलीलीटर पिलाने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं।

डायबटीज

अगर आप मधुमेह से ग्रसित है तो अखरोट का सेवन लाभकारी होता है। नियमित रूप से सेवन करने से आप मधुमेह से बच भी सकते हैं । अखरोट से डायबटीज 2 में आराम मिलता है।

टी.बी. (यक्ष्मा) के रोग में

3 अखरोट और 5 कली लहसुन पीसकर 1 चम्मच गाय के घी में भूनकर सेवन कराने से यक्ष्मा में लाभ होता है।

पथरी

    साबुत (छिलके और गिरी सहित) अखरोट को कूट-छानकर 1 चम्मच सुबह-शाम ठंडे पानी में कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन कराने से पथरी मूत्र-मार्ग से निकल जाती है।
    अखरोट को छिलके समेत पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। 1-1 चम्मच चूर्ण ठंडे पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम खायें। इससे रोग में पेड़ू का दर्द और पथरी ठीक होती है।

शैय्यामूत्र (बिस्तर पर पेशाब करना)

प्राय: कुछ बच्चों को बिस्तर में पेशाब करने की शिकायत हो जाती है। ऐसे बाल रोगियों को 2 अखरोट और 20 किशमिश प्रतिदिन 2 सप्ताह तक सेवन करने से यह शिकायत दूर हो जाती है।

सफेद दाग

अखरोट के निरन्तर सेवन से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

वजन घटाने में सहायक

अखरोट के सेवन से शरीर का वजन घटाने में सहायता मिलती है। जो लड़कियां या लड़के अपना वजन घटाना चाहते हैं उन्‍हे नियमित रूप से अखरोट का सेवन करना चाहिए।


फुन्सियां

यदि फुन्सियां अधिक निकलती हो तो 1 साल तक रोजाना प्रतिदिन सुबह के समय 5 अखरोट सेवन करते रहने से लाभ हो जाता है।

जी-मिचलाना

अखरोट खाने से जी मिचलाने का कष्ट दूर हो जाता है।

मरोड़

1 अखरोट को पानी के साथ पीसकर नाभि पर लेप करने से मरोड़ खत्म हो जाती है।

तनाव स्‍तर घटाएं

हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चला है कि अखरोट के सेवन से तनाव का स्‍तर घट जाता है। इसके सेवन से ब्‍लड़ प्रेशर नियंत्रित रहता है और शरीर को पर्याप्‍त ऊर्जा मिलती रहती है।

मस्तिष्क शक्ति हेतु

    अखरोट की गिरी को 25 से 50 ग्राम तक की मात्रा में प्रतिदिन खाने से मस्तिष्क शीघ्र ही सबल हो जाता है।
    अखरोट खाने से मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है।

स्तन में दूध की वृद्धि के लिए

गेहूं की सूजी एक ग्राम, अखरोट के पत्ते 10 ग्राम को एक साथ पीसकर दोनों को मिलाकर गाय के घी में पूरी बनाकर सात दिन तक खाने से स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।

बूढ़ों की निर्बलता

8 अखरोट की गिरी और चार बादाम की गिरी और 10 मुनक्का को रोजाना सुबह के समय खाकर ऊपर से दूध पीने से वृद्धावस्था की निर्बलता दूर हो जाती है।

अपस्मार

अखरोट की गिरी को निर्गुण्डी के रस में पीसकर अंजन और नस्य देने से लाभ होता है।
नेत्र ज्योति (आंखों की रोशनी)

2 अखरोट और 3 हरड़ की गुठली को जलाकर उनकी भस्म के साथ 4 कालीमिर्च को पीसकर अंजन करने से
आंखों की रोशनी बढ़ती है।


कंठमाला

अखरोट के पत्तों का काढ़ा 40 से 60 मिलीलीटर पीने से व उसी काढ़े से गांठों को धोने से कंठमाला मिटती है।

लम्‍बे जीवन के लिए

सुखद लम्‍बे जीवन के लिए अखरोट का सेवन अच्‍छा रहता है। इसक नियमित सेवन से जीवनकाल बढ़ता है और आपका जीवन ऊर्जा से भरपूर रहता है।

अखरोट ऊर्जा का बेहतर स्रोत है। साथ ही इसमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व, मिनरल्स, एंटीआक्सीडैंट्स और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। अखरोट का तेल कई रूपों में काम में लिया जाता है। इसका  तेल खाना बनाने के अलावा दवाइयों और खुशबू के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

अखरोट में मोनोसैचुरेटिड फैट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे सिनोलिक एसिड, अल्फा फिनोलिक एसिड और एराकिडोनिक एसिड भी काफी मात्रा में मिलते हैं। अखरोट का नियमित सेवन खून में बुरे कोलेस्ट्रोल को कम कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है।हर दिन 25 ग्राम अखरोट के सेवन से 90 फीसदी ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी मिलते हैं।

दिल के लिए अच्‍छा

अखरोट का सेवन करने से दिल दुरूस्‍त रहता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्‍सीडेंट होते हैं जो दिल को दुरूस्‍त बनाएं रखते हैं।

अच्‍छी नींद दिलाएं

जानकर आपको आश्‍चर्य तो हो ही रहा होगा, लेकिन यह बात सच है कि अखरोट के सेवन से शरीर को रिलैक्‍स मिल जाता है और अच्‍छी नींद आती है।

स्‍पर्म के लिए

जो पुरूष पिता बनने की इच्‍छा रखते हैं उनके लिए अखरोट काफी लाभकारी होता है। इसके सेवन से स्‍पर्म काउंट बढ़ता है।

पेट के कैंसर में

अखरोट का सेवन, पेट के कैंसर की जटिलताओं में लाभकारी होता है। इसके सेवन से होने वाली पीड़ा में कमी आती है और कमजोरी भी नहीं आती है।

स्‍तनों के लिए

अगर आपको अपने स्‍तनों को सुडौल और स्‍वस्‍थ बनाएं रखना है तो अखरोट का दैनिक रूप से सेवन करें। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।


डायबटीज

अगर आप मधुमेह से ग्रसित है तो अखरोट का सेवन लाभकारी होता है। नियमित रूप से सेवन करने से आप मधुमेह से बच भी सकते हैं । अखरोट से डायबटीज 2 में आराम मिलता है।

टी.बी. (यक्ष्मा) के रोग में

3 अखरोट और 5 कली लहसुन पीसकर 1 चम्मच गाय के घी में भूनकर सेवन कराने से यक्ष्मा में लाभ होता है।

स्तन में दूध की वृद्धि के लिए

गेहूं की सूजी एक ग्राम, अखरोट के पत्ते 10 ग्राम को एक साथ पीसकर दोनों को मिलाकर गाय के घी में पूरी बनाकर सात दिन तक खाने से स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।

हैजा

हैजे में जब शरीर में बाइटें चलने लगती हैं या सर्दी में शरीर ऐंठता हो तो अखरोट के तेल से मालिश करनी चाहिए।


दर्द व सूजन में

किसी भी कारण या चोट के कारण हुए सूजन पर अखरोट के पेड़ की छाल पीसकर लेप करने से सूजन कम होती है।
घाव (जख्म)

इसकी छाल के काढे़ से घावों को धोने से लाभ होता है।

जोड़ों के (गठिया) रोग में

    सुबह खाली पेट 5 ग्राम अखरोट की गिरी और 5 ग्राम पिसी हुई सोंठ को 1 चम्मच एरंड के तेल में पीसकर गुनगुने पानी से लें। इससे रोगी के घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
    दर्द को दूर करने के लिए अखरोट का तेल जोड़ों पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है।


गुल्यवायु हिस्टीरिया

अखरोट और किसमिस को खाने और ऊपर से गर्म गाय का दूध पीने से लाभ मिलता है।

हृदय की दुर्बलता होने पर

अखरोट खाने से दिल स्वस्थ बना रहता है। रोज एक अखरोट खाने से हृदय के विकार 50 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं। इससे हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रहती है। अखरोट के असर से शरीर में वसा को पचाने वाला तंत्र कुछ इस कदर काम करता है। कि हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है। हालांकि रक्त में वासा की कुल मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता। अखरोट में कैलोरी की अधिकता होने के बावजूद इसके सेवन से वजन नहीं बढ़ता और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।

खांसी (कास)

    अखरोट गिरी को भूनकर चबाने से लाभ होता है।
    छिलके सहित अखरोट को आग में डालकर राख बना लें। इस राख की एक ग्राम मात्रा को पांच ग्राम शहद के साथ चटाने से लाभ होता है।


हाथ-पैरों की ऐंठन

हाथ-पैरों पर अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।
विसर्प-फुंसियों का दल बनना

अगर फुंसिया बहुत ज्यादा निकलती हो तो पूरे साल रोजाना सुबह 4 अखरोट खाने से बहुत लाभ होता है।
कंठमाला के रोग में

अखरोट के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से और कंठमाला की गांठों को उसी काढ़े से धोने से आराम मिलता है।

कब्ज

अखरोट के छिलकों को उबालकर पीने से दस्त में राहत मिलती है।



वात रक्त दोष

वातरक्त (त्वचा का फटना) के रोगी को अखरोट की मींगी (बीज) खिलाने से आराम आता है।
होठों का फटना

अखरोट की मिंगी (बीज) को लगातार खाने से होठ या त्वचा के फटने की शिकायत दूर हो जाती है।

सफेद दाग होने पर

रोजाना अखरोट खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) का रोग नहीं होता है और स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी तेज हो जाती है।
शरीर में सूजन

अखरोट के पेड़ की छाल को पीसकर सूजन वाले भाग पर लेप की तरह से लगाने से शरीर के उस भाग की सूजन दूर हो जाती है।

याददाश्त कमजोर होना

ऐसा कहा जाता है कि हमारे शरीर का कोई अंग जिस आकार का होता है, उसी आकार का फल खाने से उस अंग को मजबूती मिलती है। अखरोट की बनावट हमारे दिमाग की तरह होती है इसलिए अखरोट खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है। याददाश्त मजबूत होती है।

नाड़ी की जलन

अखरोट की छाल को पीसकर लेप करने से नाड़ी की सूजन, जलन व दर्द मिटता है।

हैजे में जब शरीर में बाइटें चलने लगती हैं या सर्दी में शरीर ऐंठता हो तो अखरोट के तेल से मालिश करनी चाहिए।

विरेचन (पेट साफ करना)

अखरोट के तेल को 20 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में 250 मिलीलीटर दूध के साथ सुबह देने से मल मुलायम होकर बाहर निकल जाता है।

अर्श (बवासीर) होने पर

    वादी बवासीर में अखरोट के तेल की पिचकारी को गुदा में लगाने से सूजन कम होकर पीड़ा मिट जाती है।
    अखरोट के छिलके की राख 2 से 3 ग्राम को किसी दस्तावर औषधि के साथ सुबह, दोपहर तथा शाम को खिलाने से खूनी बवासीर में खून का आना बंद हो जाता है।”

आर्त्तव जनन (मासिक-धर्म को लाना)

    मासिक-धर्म की रुकावट में अखरोट के छिलके का काढ़ा 40 से 60 मिलीलीटर की मात्रा में लेकर 2 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार पिलाने से लाभ होता है।
    इसके फल के 10 से 20 ग्राम छिलकों को एक किलो पानी में पकायें, जब यह पानी आठवां हिस्सा शेष बचे तो इसे सुबह-शाम पिलाने से दस्त साफ हो जाता है।”

प्रमेह (वीर्य विकार)

अखरोट की गिरी 50 ग्राम, छुहारे 40 ग्राम और बिनौले की मींगी 10 ग्राम एक साथ कूटकर थोड़े से घी में भूनकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रखें, इसमें से 25 ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से प्रमेह में लाभ होता है। ध्यान रहे कि इसके सेवन के समय दूध न पीयें।

वात रोग

अखरोट की 10 से 20 ग्राम की ताजी गिरी को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लेप करें, ईंट को गर्मकर उस पर जल छिड़ककर कपड़ा लपेटकर उस स्थान पर सेंक देने से शीघ्र पीड़ा मिट जाती है। गठिया पर इसकी गिरी को नियमपूर्वक सेवन करने से रक्त शुद्धि होकर लाभ होता है।

शोथ (सूजन)

    अखरोट का 10 से 40 मिलीलीटर तेल 250 मिलीलीटर गौमूत्र (गाय के पेशाब) में मिलाकर पिलाने से सभी प्रकार की सूजन में लाभ होता है।
    वात-जन्य सूजन में इसकी 10 से 20 ग्राम अखरोट की गिरी को कांजी में पीसकर लेप करने से लाभ होता है।

बूढ़ों के शरीर की कमजोरी

10 ग्राम अखरोट की गिरी को 10 ग्राम मुनक्का के साथ रोजाना सुबह खिलाना चाहिए।

दाद

सुबह-सुबह बिना मंजन कुल्ला किए बिना 5 से 10 ग्राम अखरोट की गिरी को मुंह में चबाकर लेप करने से कुछ ही दिनों में दाद मिट जाती है।

नासूर

अखरोट की 10 ग्राम गिरी को महीन पीसकर मोम या मीठे तेल के साथ गलाकर लेप करें।

नारू (गंदा पानी पीने से होने वाला रोग)

    अखरोट की खाल को जल के साथ महीन पीसकर आग पर गर्म कर नहरुआ की सूजन पर लेप करने से तथा उस पर पट्टी बांधकर खूब सेंक देने से नारू 10-15 दिन में गलकर बह जाता है।
    अखरोट की छाल को पानी में पीसकर गर्मकर नारू के घाव पर लगावें।

दस्त के लिए

    अखरोट को पीसकर पानी के साथ मिलाकर नाभि पर लेप करने से पेट में मरोड़ और दस्त का होना बंद हो जाता है।
    अखरोट के छिलकों को पानी के साथ पीसकर पेट की नाभि पर लगाने से पेट में होने वाली मरोड़ के साथ आने वाले दस्त तुरंत बंद हो जाते हैं।

खूनी बवासीर (अर्श)

अखरोट के छिलके का भस्म (राख) बनाकर उसमें 36 ग्राम गुरुच मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम खाने से खूनी बवासीर (रक्तार्श) नष्ट होता है।

पेट में कीड़े होने पर

अखरोट को गर्म दूध के साथ सेवन करने से बच्चों के पेट में मौजूद कीड़े मर जाते हैं तथा पेट के दर्द में आराम देता है।

कमजोरी

अखरोट की मींगी पौष्टिक होती है। इसके सेवन से कमजोरी मिट जाती है।

दांतों के लिए

अखरोट की छाल को मुंह में रखकर चबाने से दांत स्वच्छ होते हैं। अखरोट के छिलकों की भस्म से मंजन करने से दांत मजबूत होते हैं।

लकवा (पक्षाघात-फालिस-फेसियल, परालिसिस)

रोजाना सुबह अखरोट का तेल नाक के छिद्रों में डालने से लकवा ठीक हो जाता है।

नष्टार्तव (बंद मासिक धर्म)

अखरोट का छिलका, मूली के बीज, गाजर के बीज, वायविडंग, अमलतास, केलवार का गूदा सभी को 6-6 ग्राम की मात्रा में लेकर लगभग 2 लीटर पानी में पकायें फिर इसमें 250 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिला दें, जब यह 500 मिलीलीटर की मात्रा में रह जाए तो इसे उतारकर छान लेते हैं। इसे सुबह-शाम लगभग 50 ग्राम की मात्रा में मासिक स्राव होने के 1 हफ्ते पहले पिलाने से बंद हुआ मासिक-धर्म खुल जाता है।

दर्द व सूजन में

किसी भी कारण या चोट के कारण हुए सूजन पर अखरोट के पेड़ की छाल पीसकर लेप करने से सूजन कम होती है।
घाव (जख्म)

इसकी छाल के काढे़ से घावों को धोने से लाभ होता है।

जोड़ों के (गठिया) रोग में

    सुबह खाली पेट 5 ग्राम अखरोट की गिरी और 5 ग्राम पिसी हुई सोंठ को 1 चम्मच एरंड के तेल में पीसकर गुनगुने पानी से लें। इससे रोगी के घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
    दर्द को दूर करने के लिए अखरोट का तेल जोड़ों पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है।


गुल्यवायु हिस्टीरिया

अखरोट और किसमिस को खाने और ऊपर से गर्म गाय का दूध पीने से लाभ मिलता है।

हृदय की दुर्बलता होने पर

अखरोट खाने से दिल स्वस्थ बना रहता है। रोज एक अखरोट खाने से हृदय के विकार 50 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं। इससे हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा नियंत्रित रहती है। अखरोट के असर से शरीर में वसा को पचाने वाला तंत्र कुछ इस कदर काम करता है। कि हानिकारक कॉलेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है। हालांकि रक्त में वासा की कुल मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता। अखरोट में कैलोरी की अधिकता होने के बावजूद इसके सेवन से वजन नहीं बढ़ता और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।

खांसी (कास)

    अखरोट गिरी को भूनकर चबाने से लाभ होता है।
    छिलके सहित अखरोट को आग में डालकर राख बना लें। इस राख की एक ग्राम मात्रा को पांच ग्राम शहद के साथ चटाने से लाभ होता है।


हाथ-पैरों की ऐंठन

हाथ-पैरों पर अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।

विसर्प-फुंसियों का दल बनना

अगर फुंसिया बहुत ज्यादा निकलती हो तो पूरे साल रोजाना सुबह 4 अखरोट खाने से बहुत लाभ होता है।

कंठमाला के रोग में

अखरोट के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से और कंठमाला की गांठों को उसी काढ़े से धोने से आराम मिलता है।

कब्ज

अखरोट के छिलकों को उबालकर पीने से दस्त में राहत मिलती है।

अखरोट के अचूक फायदे

वात रक्त दोष

वातरक्त (त्वचा का फटना) के रोगी को अखरोट की मींगी (बीज) खिलाने से आराम आता है।

होठों का फटना

अखरोट की मिंगी (बीज) को लगातार खाने से होठ या त्वचा के फटने की शिकायत दूर हो जाती है।
सफेद दाग होने पर

रोजाना अखरोट खाने से श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) का रोग नहीं होता है और स्मरण शक्ति (याददाश्त) भी तेज हो जाती है।

शरीर में सूजन

अखरोट के पेड़ की छाल को पीसकर सूजन वाले भाग पर लेप की तरह से लगाने से शरीर के उस भाग की सूजन
दूर हो जाती है।

याददाश्त कमजोर होना

ऐसा कहा जाता है कि हमारे शरीर का कोई अंग जिस आकार का होता है, उसी आकार का फल खाने से उस अंग को मजबूती मिलती है। अखरोट की बनावट हमारे दिमाग की तरह होती है इसलिए अखरोट खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है। याददाश्त मजबूत होती है।

नाड़ी की जलन

अखरोट की छाल को पीसकर लेप करने से नाड़ी की सूजन, जलन व दर्द मिटता है।

No comments:

Post a Comment