बाल कभी नहीं सफ़ेद होंगे. ये आयुर्वेदिक बीज बुढ़ापे तक बालों को घना और काला रखते है
चिरमिटी/रत्ती/घुंघुचि/गुंचा (Abrus Precatorius)
- हम बात कर रहे है ऐसे चमत्कारी बिज जिनको गुंचा या चिरमिटी के नाम से
जाना जाता है। आज के युग में खुबसूरत बाल हर कोई चाहता है लेकिन व्यस्त
दिनचर्या के चलते बालों का ख्याल रखना नामुकिन होता जा रहा है। घर पर बालों
को धोना ही कई महिलाओं को अखरता है जिसके लिए वह महंगे पार्लर में जा कर
हेयर स्पा आदि लेती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं बालों की समस्याओं के लिए
आपके घर में एक रामबाण इलाज मौजूद है।
- बालो की समस्या जैसे बालों का झड़ना, असमय सफेदी, रूसी की समस्या तो आम
हो गई है। बालों की इन उलझनों के लिए चिरमिटी या गुंचा एक वरदान है! जी
हाँ, आपके बालों को झड़ने, रुसी, सफेदी और गंजे होते सिर की समस्याओं को दूर
करती है और बुढ़ापे तक आपके बालों की सभी समस्याओं से निजात दिलाता है। यह
प्रयोग इतना प्रभावी है कि गंजो के बाल उगा देता है। यह पुरुषों के लिए
जितना प्रभावी है उतना ही महिलाओं के लिए तो आइये जाने इस प्राकृतिक रामबाण
उपाय के बारे में।
आवश्यक सामग्री :
- 250 ग्राम चिरमिटी/रत्ती/घुंघुचि/गुंचा (Abrus Precatorius)
कृपया ध्यान दे :
- चिरमिटी/रत्ती/घुंघुचि/गुंचा (Abrus Precatorius) यह सब इसके नाम है।
- यह सफ़ेद और लाल + काले रंग की मनके के समान होती है।
- जड़ी बूटी बेचने वालो या पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाती है
- सफ़ेद रंग कि मिले तो वह ले – न मिले तो लाल काले रंग कि ले।
गुंचा या चिरमिटी का चमत्कारी तेल बनाने का तरीका :
- इसे बारीक पीस कर पाउडर बना छान ले। छानने के बाद जो ऊपर मोटा अंश बचे उसे फेंके नहीं।
- अब छने हुए पाउडर मे से लगभग 50 ग्राम अलग निकाल कर रख लें।
- बाकी बचे हुए सारे 200 ग्राम पाउडर को लगभग 1.5 लीटर पानी मे धीमी आग पर इतना उबाले कि उबल के पानी लगभग 500ml रह जाये।
- अब इस पानी को छान कर रख ले।
- एक लौहे की कड़ाही मे लगभग 200 ग्राम तिल का तेल ले यदि तिल तेल का न
मिले तो सरसों का भी ले सकते हैं परंतु तिल का तेल अधिक असरदार होता है। अब
500ml चिरमटी उबाल कर छाना हुआ पानी व 50 ग्राम चिरमटी का बचा हुआ पाउडर
इन सभी को ठंडे तेल मे मिला ले। ध्यान रहे गरम तेल मे कुछ नही डालना है ऐसा
नुकसानदायक हो सकता है। अब इस इस ठन्डे तेल में मिली सामग्री को धीमी आंच
पर फिर से पकाए।
- पकने उपरांत जब तेल मे से पानी लगभग जल जाए। तो यह टेस्ट करने के लिये
की इसमें पानी का अंश पूर्ण रूप से जल गया है केवल मात्र तेल ही शेष बचा
है। इसके परिक्षण के लिये एक लौहे की तार का टुकडा या बांस की झाडू की सींख
ले उस पर काटन का फोया लपेट उसे तेल में भिगो आग पर रखे। यदि चटर पटर की
आवाज आए तो समझे कि अभी तेल पूरी तरह नहीं पका है। उसमें पानी का अंश शेष
है तो उसे धीमी आंच पर ओर गरम होने दे।
- अगर तेल लगी हुई रूई तत्काल जल जाए तो समझे कि तेल पक गया है। तब इसे
चूल्हे से उतार स्टील के टोप जैसे बर्तन में डाल के रख दें। साथ में तो यह
ठंडा हो जायेगा और साथ ही इसमें से काला अंश टोप में निचे बैठ जायेगा। पूरी
तरह ठंडा होने पर इस तेल को एक दम सूखी काँच या प्लास्टिक की बोतल में डाल
लें। जिसमें पानी का अंश ना हो।
इस चमत्कारी तेल को लगाने का तरीका :
- यह तेल सिर पर दिन में 2 बार सुबह – शाम लगाए। लगभग 5 मिनट मालिश करे।
- तेल प्रयोग के दौरान कोई भी साबुन या शैंपू सिर में न लगाए। सिर धोने के लिए खट्टी दहि – खट्टी लस्सी या नींबू का प्रयोग करे।
- हमे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है की सिर्फ 1 महीने प्रयोग के बाद आपको
निराश नही होना पडेगा। आपकी इच्छानुरूप परिणाम मिलने शुरू हो जायेंगे।
क्योंकि यह प्रयोग हमने जिस जिस व्यक्ति पर किया परिणाम 100% मिला।
- विशेष : इसके साथ ”अन्नतमूल की जड ” का 2 ग्राम चूर्ण रोजाना सेवन करे।
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